नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार, 27 दिसंबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के 14वें प्रधानमंत्री रहे और उनके कार्यकाल में लिए गए कई बड़े फैसलों ने भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला। उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था का ‘भीष्म पितामाह’ माना जाता है। आइये, जानते हैं डॉ. मनमोहन सिंह के पांच महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में जिन्होंने देश की दिशा बदल दी।
1. मनरेगा (2005)
डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद, 2005 में उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) लागू किया, जिसे बाद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के नाम से जाना गया। इस कानून के तहत ग्रामीण इलाकों में हर परिवार के एक सदस्य को 100 दिन तक काम और मजदूरी की गारंटी दी गई। अगर काम नहीं मिला, तो बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान था। इस योजना से गांवों में गरीबी घटने के साथ-साथ शहरों की ओर पलायन में भी कमी आई।
2. सूचना का अधिकार (2005)
2005 में ही डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) लागू किया, जो भारतीय नागरिकों को सरकारी विभागों से किसी भी जानकारी के लिए आवेदन करने का अधिकार देता है। इस कानून ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाई और भ्रष्टाचार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. भारत-अमेरिका परमाणु समझौता (2005)
2005 में डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के बाद भारत को परमाणु ऊर्जा और तकनीक प्राप्त करने के लिए एक नया मार्ग मिला, जिससे भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली। इस समझौते ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को नई दिशा दी और वैश्विक ऊर्जा नीति में भारत का स्थान मजबूती से स्थापित किया।
4. शिक्षा का अधिकार कानून (2009)
2009 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने ‘शिक्षा का अधिकार’ कानून लागू किया, जिसके तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार प्राप्त हुआ। इस कानून के लागू होने के बाद देश में शिक्षा का स्तर बढ़ा और विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में बच्चों की संख्या स्कूलों में बढ़ी। यह कानून भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
5. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (2013)
2013 में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) पारित किया गया। इस कानून के तहत भारत के 66 फीसदी परिवारों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराया गया। यह कानून गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए चमत्कार साबित हुआ, क्योंकि इसमें गरीबों को सब्सिडी वाला अनाज दिया गया। इसका उद्देश्य भारत में खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना था और यह कानून गरीबों के लिए एक जीवनदायिनी साबित हुआ।
डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में कई महत्वपूर्ण परिवर्तनों का दौर था। उनके द्वारा लिए गए इन फैसलों ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि समाज के हर तबके को प्रभावित किया। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है।